पूरी हिम्मत के साथ बोलेंगे
जो सही है वो बात बोलेंगे
साहिबों,हम क़लम के बेटे हैं
कैसे हम दिन को रात बोलेंगे
पेड़ के पास आँधियाँ रख दो
पेड़ के पात पात बोलेंगे
'ताज'को मेरी नज़र से देखो
जो कटे थे वो हाथ बोलेंगे
उनको कुर्सी पे बैठने तो दो
वो भी फिर वाहियात बोलेंगे
मुल्क के हाल-चाल कैसे हैं
ख़ुद -ब-ख़ुद वाक़यात बोलेंगे
शब्द को नाप तोलकर कहना
अर्थ भी उसके साथ बोलेंगे