पेडों ने सबको सब कुछ दिया
चिरैयाँ को घोंसला
पशुओं को चारा
मुसाफ़िर को छाया
भूखों को फल
पुजारी को फूल
वैद्य को दवा
बच्चों को बाँहों का झूला
चूल्हों को लकड़ी, घर को दरवाज़ा, छत, खिड़कियाँ
नेताओं, अफ़सरों को कुर्सियाँ
बदले में इन सबने पेड़ो को
अब तक क्या दिया ?
नहीं चाहकर भी आज
इसका हिसाब माँगते हैं पेड़ !