Last modified on 4 जुलाई 2014, at 06:48

पैंतीस / प्रमोद कुमार शर्मा

बडां-बडां अलाप्यो है
-जाप्यो है
सबद नैं जापायत दांई
जद जाय'र बो इमरत बणै
निसतर समझल्यो
आखरां बिचाळै विष
-दाब्यो है।
(रेडियो पर शास्त्रीय संगीत सुणतां थकां)