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पोस्‍टकार्ड / संतोष अलेक्स


{{KKRachna
|रचनाकार=संतोष अलेक्स
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|संग्रह=
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मेरा पेंशन रूक गयी है 

माँ की तबीयत खराब है 

खपरैल टूट गए हैं 

इस बार भी फसल खराब हो गयी 

अपना ख्‍याल रखना 

बेटा, हो सके तो एक बार गाँव आना 


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