Last modified on 18 जुलाई 2010, at 04:36

प्यास-२ / ओम पुरोहित ‘कागद’

आकाश तपेगा
तो
धरती जलेगी !


धरती जलेगी
तो
जीव-जन्तु जलेंगे !


जीव-जन्तु जलेंगे
तो
उड़ जाएगा हंस !

उड़ जाएगा हंस
तो
कहां रहेगी प्यास !

अनुवाद-अंकिता पुरोहित "कागदांश"