जिस तेज गति से
ऊंचे और ऊंचे हो रहे हैं
बर्फ के पहाड
जिस तेज गति से
गहरे और गहरे हो रहे हैं
पानी के कूए
वह दिन दूर नहीं दिखता
जब आम आदमी को
एक गिलास पानी के लिये
या तो चढना पडेगा एवरेस्ट
या उतरना पडेगा पाताल लोक मे
पानी की खोज मे लम्बी यात्राओं के दौरान
सूखा गला तर करने के लिये
आसपास की धरती के बांझ वक्ष मे
औस की बूंद जितना भी पानी नही होगा एक दिन
ऐसे त्रासद समय मे
कितना बदरंग होगा जीवन
चुल्लू भर पानी के लिये
जान से हाथ धोना पड सकता है हमें
ऐसे त्रासद समय मे