प्रकृति है वह जो हम देखते हैं,
ये पहाड़ – वो दोपहर
गिलहरी – ग्रहण – भँवरा,
न, न, प्रकृति है स्वर्ग –
प्रकृति है वह जो हम सुनते हैं,
बोबोलिंक – समन्दर
तूफ़ान – क्रिकेट
न न, प्रकृति है समरसता,
प्रकृति वह है जो हम जानते हैं,
फिर भी वह रह जाती अनबूझी,
सच, उसकी सरलता के आगे,
हमारी विद्वता दिखती कितनी बौनी!
मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : सोनाली मिश्र
और अब पढ़िए कविता मूल अँग्रेज़ी में
“Nature” is what we see—
The Hill—the Afternoon—
Squirrel—Eclipse—the Bumble bee—
Nay—Nature is Heaven—
Nature is what we hear—
The Bobolink—the Sea—
Thunder—the Cricket—
Nay—Nature is Harmony—
Nature is what we know—
Yet have no art to say—
So impotent Our Wisdom is
To her Simplicity.