अकेलेपन से भयभीत
दीवारों से ही बतियाना
उलाहनों की चादर झड़कना
मनाना और रिझाना
थक-हारकर।
खुद भी रूठ जाना
दीवार पर टंगी तस्वीर का
मुस्कराते रहना
मुस्कराना।
अकेलेपन से भयभीत
दीवारों से ही बतियाना
उलाहनों की चादर झड़कना
मनाना और रिझाना
थक-हारकर।
खुद भी रूठ जाना
दीवार पर टंगी तस्वीर का
मुस्कराते रहना
मुस्कराना।