कभी-कभी
कोई थुलथुल नेता
पूर लेता है
माल्यार्पण का
अपना शौक।
प्रतिमा
पा जाती है
अखबारों में
नेता के साथ जगह।
कौन है अहसानमंद
नेता या प्रतिमा ?
जानते हैं
मौन खगवृंद।
कभी-कभी
कोई थुलथुल नेता
पूर लेता है
माल्यार्पण का
अपना शौक।
प्रतिमा
पा जाती है
अखबारों में
नेता के साथ जगह।
कौन है अहसानमंद
नेता या प्रतिमा ?
जानते हैं
मौन खगवृंद।