वह प्रतिमा
हर्षित नहीं होती
आसाढ़ के मेघों-से
वार-त्यौहार आने वाले
सफेदपोश नेताओं से।
वह प्रसन्न होती है
गांव के गरीब लोगों से
जो जीमते हैं रोटी
उसके चौक पर बैठकर।
वह प्रतिमा
हर्षित नहीं होती
आसाढ़ के मेघों-से
वार-त्यौहार आने वाले
सफेदपोश नेताओं से।
वह प्रसन्न होती है
गांव के गरीब लोगों से
जो जीमते हैं रोटी
उसके चौक पर बैठकर।