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प्रथम सीस अरपन करै / हनुमानप्रसाद पोद्दार
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पद-रत्नाकर / भाग- 3
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प्रथम सीस अरपन करै, पाछे करे प्रबेस।
ऐसे प्रेमी सुजन को है प्रबेस यहि देस॥