प्रश्नवाचक चिन्ह
संख्या ‘एक’ से मिलता
उर्दू अक्षर ‘मीम’ से
पर आकार इसका
सरल भी नहीं इतना
कि संख्या- एक
कि जैसे-मीम
इसकी आकृति में
घुमाव के बाद बिंदु वाली
सीधी रेखा से पहले जो मोड़
जीवन में जैसे
बस इसलिए कठिन
आकार देना
इसे सुन्दर
यह चिन्ह अमूमन एक या दो
या कभी-कभी तो
आधी पंक्ति के बाद लग जाता
और जब लग जाता यह
तो इसका हल
कई-कई पंक्तियाँ
जैसे- छोटी सी जान चिन्ह
और हल-
जीवन लंबा जैसे
पंक्ति में यह-
पुछल्ले की तरह होता हमेशा अंत में
जिस तरह पूरी उम्र जीते हुए
हम नहीं जान पाते-जीवन का अर्थ
उसी तरह, उम्रभर पढ़ते हुए रहते अनभिज्ञ
इस पुछल्ले को नहीं जान पाते
यह तक नहीं जान पाते-
कि कब, क्यों, कहाँ, क्या, किससे, कैसे, कौन शब्द
संज्ञा या सर्वनाम के ठीक बाद आयें
तो लगता
यह पुछल्ला !