एक दिन पूछा मैंने घास से
तुम बौनी क्यों रह गई?
जब कि बढ़ गये
कितने पेड़
ऊपर और ऊपर
घास ने बड़े इत्मीनान से दिया जवाब
विस्तार ही करता है निर्धारित
किसी भी
व्यक्तित्व की ऊँचाई।
एक दिन पूछा मैंने घास से
तुम बौनी क्यों रह गई?
जब कि बढ़ गये
कितने पेड़
ऊपर और ऊपर
घास ने बड़े इत्मीनान से दिया जवाब
विस्तार ही करता है निर्धारित
किसी भी
व्यक्तित्व की ऊँचाई।