8.
गंगाराम जाणैं आज कहां मर गया ?
ये भी रामजीई होता जा रहा है जीव को
हजार बार कह दिया ये तेरी
कबिताओं और बबिताओं
ललिताओं लतिकाओं का चक्कर छोड़ साड़े
इनके चक्कर में यूंई किसी दिन
कुत्ते की मौत मर लेगा
क्या रक्खा है इनमें
जब हमारे डिपाट के शिक्सा मंत्री
माननीय राधारमण सर्राफ ही नहीं लिखते कबिता
तू क्यों इन चक्करों में पड़ताअै
अच्छा खुद फरार है
और कबिता टेबल पर छोड़ गया है
देखूं तो लिखा क्या है
कहीं मेरे बारे में तो नहीं ?
तुम और किसान
अच्छा ये तो हुआ सीरसक माने कबिता
बबिता में क्या लिखा है देखूं तो जरा
तुम वो हो जो काम करो तो न करो तो
आज की पूरी तन्ख्वाह पाओगे
तुम मेज पर पांव रखकर ऊँघने
और थड़ी पर चाय पीते हुए
पांच बजाने की भी तन्ख्वाह पाओगे
और अगर तुम दफ्तर में गए
और वहां तुमने कुछ काम निपटाए जरूरतमंदों के
और ऐवज में इसके
हफ्ता वसूलने की तरह पैसा वसूला उनसे
तब भी तुम आज की तुम्हारी पूरी तन्ख्वाह पाओगे
तुम इस देश की सरकार के दफ्तर के कार्मिक होने के नाते
भ्रष्ट आचरण में डूबने की भी पूरी तन्ख्वाह पाओगे
उन कामों की भी तन्ख्वाह पाओगे जो तुम नैतिकता की दृष्टि से देखो तो
राष्ट्रद्रोह जैसे होंगे
तुम त्यौहार और रविवार की भी तन्ख्वाह पाओगे
आराम करने के ऐवज भी तुम्हें पैसा मिलेगा
और इसी दौरान तुम्हें पदोन्नतियां और पुरस्कार भी मिलेंगे
क्या तुमने कभी महसूस किया है कि
किस कदर सुरक्षित है तुम्हारा जीवन
क्या तुम महसूस कर सकते हो
इस सुरक्षा के बदले में आखिर क्या देते हो तुम इस देश को ?
तुम्हारी सौ मांगें हैं और हजार शिकायतें
लगता है तुम हालात से जरा भी खुश नहीं हो
तुम क्या सोचते हो लालच लालच और लालच के सिवा क्या है वह
जिसके चलते कि खुश नहीं हो तुम ?
अगर कीटनाशकों ने सब्जियों को बर्बाद कर दिया है
तो यह किसने किया है ?
अगर भ्रष्टाचार इतना बढ़ गया है इस देश में
तो क्या तुम इस कुकर्म में शामिल नहीं हो ?
अगर अन्याय और हिंसा इतनी अधिक है कि
अखबार का हर पृष्ठ उससे रंगा दिखाई देता है
तो इसके विरूद्ध तुम क्या कोशिश कर रहे हो ?
सबकी तरह तुम भी प्रतीक्षा कर रहे हो
तुम्हें प्रतीक्षा पसंद है
तुम प्रतीक्षा करना चाहते हो
तुम जानबूझकर प्रतीक्षा करना चाहते हो
उधर वह किसान है तुम्हारा भाई
जो गांव में छूट गया है और खेतों में खट रहा है
वह आज दिनभर खेत में खटेगा
इसके ऐवज में आज उसे क्या मिलेगा ?
वह कल भी दिन भर खटेगा
पूरे हफ्ते पूरे महीने
वह चार महीने दिन रात एक कर के
मावनीयता की सच्ची मूर्ति की तरह जूझता रहेगा
अंत में उसे क्या मिलेगा
चार महीने के हरेक दिन के एवज में ?
खेती का मंहगा खर्चा काटने के बाद
उसे तुम्हारी चार दिन की तन्ख्वाह के जितना मिलेगा
जिसमें उसे सब कुछ करना है
बहन को कपड़े पहुंचाने हैं
बेटी के विवाह का तामझाम गाड़ना है
आसमान छूते भावों पर
गुड़ चीनी मसाले खरीदना ही खरीदना है
और केरोसीन चिमनी के लिए
या आत्मदाह के लिए
अरे क्या मगजमारी है यार
इसको पढ़कर ऐसा नहीं लगता क्या कि
कुण्ठित हो गया है गंगाराम
खैर पर आज मर कहां गया
मुझे तो चौकी जाणा था
थानदार साब को टैम दे रखा था मैने तो
कि कल हमारे स्कूल में प्र-थाना समै में आएं
और हमारे बच्चों को कुछ दिशा-ज्ञान दे जाएं
बाकी अंदर की बात तो ये है कि ऐसी बातों से
लिंक बणता है
टैम-बेटैम काम आते हैं ऐसे लोग
पिछले दिनों ही मेरा एक भतीजा टाइप लड़का
रैकी और रैफ में फंस गया था
ले देकर इन्हीं की मार्फत मामला रफा-दफा हुआ था
क्या ? (क्या के साथ ही...)