टूट गया जीवन-समास
इष्ट हुए गौण
केवल वास्तु-शिल्प मुखर
प्रार्थनाओं की शाम
रक्त के तालाब में
डूब गई
वर्दियों के धुँधलके में
हमारा प्रार्थना-घर ।
टूट गया जीवन-समास
इष्ट हुए गौण
केवल वास्तु-शिल्प मुखर
प्रार्थनाओं की शाम
रक्त के तालाब में
डूब गई
वर्दियों के धुँधलके में
हमारा प्रार्थना-घर ।