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प्रूफ़ / तादेयुश रोज़ेविच

मौत नहीं ठीक करेगी
कविता की एक भी पंक्ति
वह प्रूफ़-रीडर नहीं है
न किसी सम्पादिका की तरह
हमदर्द

घटिया रूपक अमर हो जाता

एक रद्दी कवि मरणोपरान्त भी
मरा हुआ रद्दी कवि ही रहेगा

एक बोर मर कर भी बोर ही करता
एक मूर्ख क़ब्र के उस पार से भी
अपनी मूर्ख बकवास जारी रखता