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प्रेमपत्र-5 / मदन गोपाल लढा

समझदारी है
फ़ाड़ कर जला देना
पुराने प्रेम-पत्रों को
जो चुगली कर सकते हैं
उस प्रेम की।

मगर कैसे मिटाऊँ
मन की पाटी पर लिखे हुए
प्रीत के आखरों को

जो कविता के बहाने
खुद-ब-खुद बताते रहते हैं
वे कथाएँ।


मूल राजस्थानी से अनुवाद : स्वयं कवि द्वारा