Last modified on 21 अप्रैल 2014, at 14:58

प्रेम-2 / निवेदिता

हमारे बीच सिर्फ शब्द यात्रा करते हैं
दूर पहाडि़यों से उतरते है शब्द
नदी, झरनों में तैरते हुए
भीगे - भीगे से पहुँचते है