क्या कोई रोक पाया है कभी
हवा का बहना
बीज का अंकुरित होना
फूलों का खिलना
फिर कैसे रोक पाएगा
कभी कोई
संसार की श्रेष्टतम भावना
प्रेम का फलना-फूलना
क्या कोई रोक पाया है कभी
हवा का बहना
बीज का अंकुरित होना
फूलों का खिलना
फिर कैसे रोक पाएगा
कभी कोई
संसार की श्रेष्टतम भावना
प्रेम का फलना-फूलना