प्रेम का एक और रूप भी होता है
भय के चेहरे से उठा देना नक़ाब
और मानवता के बदले अर्थ को
फिर से अपनी जगह पर ले आना
घर्म का एक और रूप भी होता है
झूठ के चेहरे से उठा देना नक़ाब
और बचाकर किसी के जीवन को
स्वयं मौत के मुंह में चले जाना।
प्रेम का एक और रूप भी होता है
भय के चेहरे से उठा देना नक़ाब
और मानवता के बदले अर्थ को
फिर से अपनी जगह पर ले आना
घर्म का एक और रूप भी होता है
झूठ के चेहरे से उठा देना नक़ाब
और बचाकर किसी के जीवन को
स्वयं मौत के मुंह में चले जाना।