कुछ लोग यह भूल जाते हैं कि प्रेम
तुम्हें लपेट लेता है और चूमता है
और कहता है — शुभरात्रि
तुम जवान हो या बूढ़े — इससे क्या फ़र्क पड़ता है ।
कुछ लोगों को यह याद नही रहता कि प्रेम
सुनता है और हँसता है और फिर तुमसे
पूछता है सवाल
तुम्हारी उम्र क्या है — इससे क्या फ़र्क पड़ता है ।
कुछ लोग मानते हैं
प्रेम का अर्थ होता है —
प्रतिबद्धता और ज़िम्मेदारी
कोई मज़ाक नहीं है ये
आख़िर ।
प्रेम का मतलब होता है —
तुम और मैं ।