Last modified on 25 दिसम्बर 2015, at 09:51

प्रेम तराना गाये / कमलेश द्विवेदी

मेरा दिल दीवाना गाये.
गाये प्रेम तराना गाये.

अफ़साना लिख जाये कोई,
फिर कोई अफ़साना गाये.

उसके गीत सुनूँ तो लगता-
स्वर जाना-पहचाना गाये.

संग शमा के जलते-जलते,
जाने क्या परवाना गाये.

तीर चले नैनों के जब-जब,
घायल हो दीवाना गाये.

गाते-गाते वो शर्माये,
तो उसका शर्माना गाये.

प्यार भरा प्याला जो पी ले,
जीवन भर मस्ताना गाये.

जो-जो रास रचाये उसने,
वृन्दावन-बरसाना गाये.

मेरी गज़लें ऐसी ग़ज़लें,
मेरे साथ ज़माना गाये.