Last modified on 16 जून 2012, at 12:20

प्रेम में / अरविन्द श्रीवास्तव

प्रेम में
कईयों ने ख़ून से ख़त लिखे
कईयों ने लिखी कविताएँ

मैनें मैदान में दौड़ायी साइकिल
लगाया चक्कर
कई-कई बार
हैंडिल छोड़ के !