फुलिहें अनरवा सेमर कचनरवा पलसवा गुलबवा अनन्त।
बिरहा विरवा लगायो ‘बलविरवा’ सो फुलिहें जो आयो हैं बसंत।।
रजवा करत मोर रजवा मथुरवा में हमस ब भइलीं फकीर।
हमरी पिरितिया निबाहे कैसे ऊघो,’बलबिरवा’ की जतिया अहीर।।
फुलिहें अनरवा सेमर कचनरवा पलसवा गुलबवा अनन्त।
बिरहा विरवा लगायो ‘बलविरवा’ सो फुलिहें जो आयो हैं बसंत।।
रजवा करत मोर रजवा मथुरवा में हमस ब भइलीं फकीर।
हमरी पिरितिया निबाहे कैसे ऊघो,’बलबिरवा’ की जतिया अहीर।।