जब तक
सांस है
आस है;
थार के रोम-रोम पर
उगेंगे
हरियल रूंख
फलेंगे रसाल
आच्छादित होंगे
हरितपर्ण अनायास
ज्यों रोही में
सूनसान धोरे पर
उग आता है
गीला गच्च भंपोड़ ।
जब तक
सांस है
आस है;
थार के रोम-रोम पर
उगेंगे
हरियल रूंख
फलेंगे रसाल
आच्छादित होंगे
हरितपर्ण अनायास
ज्यों रोही में
सूनसान धोरे पर
उग आता है
गीला गच्च भंपोड़ ।