फ़ण्डवालों से गुज़ारिश है कि कुछ सदकः-ए-ज़र<ref>धन का दान</ref>
सायले-मुहव्वल-ए-बाला<ref>ज़रूरतमन्द</ref> को मिले बारे-दिगर<ref>दोबारा</ref>
पोच<ref>घटिया</ref> लिखते हैं जो वो लिखते हैं तसलीम मगर
उनकी औलाद व अज़्ज़ा<ref>प्रियजन</ref> को नहीं उसकी ख़बर
आल<ref>सन्तान</ref> बेहूदा-नवीसां<ref>घटिया लेखक</ref> के लिए बाने-जूई<ref>भूख का कारण</ref>
टालसटाय के घराने से अहम कम तो नहीं
शब्दार्थ
<references/>