कत्थई देह पर
गुलाबी...धानी हरे और पीले शेड्स वाले
फागुनी कपड़े पहने
साँवली बँहों में लाल फूलों की पिचकारी उठाए
आकाश को रंग रहा है सेमल खुश है
कि इस फागुन में पूरा कुनबा है साथ
बाल-युवा-वृद्ध पत्ते कलियाँ-फूल सब
चींटे..भ्रमर ..कौओं जैसे
अतिथियों की भी आगत है
फागुन तुम्हारा स्वागत है