है रे फागुन मास हो फागुन मास
कारी कोयलिया ताना मारे
भेद जिया के खोले रे
बंजर में बगियाये सेम्हर सैता ल डोलाथे
सुन्ना म सैया के सुरता मैंता ल भरमाथे
है रे फागुन मास हो फागुन मास
कारी कोयलिया ताना मारे
भेद जिया के खोले रे
बंजर में बगियाये सेम्हर सैता ल डोलाथे
सुन्ना म सैया के सुरता मैंता ल भरमाथे