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फिर वही बात / भारत यायावर

फिर वही बात,
वही तस्वीर
चली आई है

लेकिन जज़्बात में
कोई और
उभर आई है

विचारों में
भटकती रही
उसकी परछाई है

एक उम्मीद से भरी
ज़िन्दगी की
तन्हाई है