Last modified on 19 अक्टूबर 2010, at 12:12

फुटपाथ बिछौने हैं / ब्रजमोहन

अपने नीचे सड़कों के फुटपाथ बिछौने हैं
कोई खिलौना मांग न बेटे! हम ही खिलौने हैं

कच्चे-पक्के, टूटे-फूटे
मन-सा घर का सपना
सपनों की दुनिया में ही तो
जीता है सुख अपना
उजड़े हुए चमन में ही तो सपने बोने हैं

दुख के झूले पर जीवन की
लम्बी पींग बढ़ाना
पत्ता-पत्ता नींद से जागे
ऎसे पेड़ हिलाना
हार न जाना, छाँव-फूल-फल अपने होने हैं