फुरसत में इठलाती
याद तुम्हारी आती।
जानूं तो बस इतना
तुम दीया मैं बाती।
तेरी बात निराली
हौले से सहलाती।
घर में तेरी महिमा
हर दिन गायी जाती।
आ न सके तुम झूठे
बीत गयी सुकराती।
फुरसत में इठलाती
याद तुम्हारी आती।
जानूं तो बस इतना
तुम दीया मैं बाती।
तेरी बात निराली
हौले से सहलाती।
घर में तेरी महिमा
हर दिन गायी जाती।
आ न सके तुम झूठे
बीत गयी सुकराती।