फुलवारी / फुलवारी / रंजना वर्मा

रंग बिरंगे फूल खिले।
लगते हैं ये बड़े भले॥

कोयल देखो बोल रही।
तितली भी है डोल रही॥

भँवरों की मीठी गुनगुन।
क्या कहती है आकर सुन॥

हँसती है क्यारी क्यारी।
कितनी प्यारी फुलवारी॥

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