फूल
थूं कितरो कंवळो
कितरो निंवळो
सौरम अर
फूटरापै रो
अखूट खजानो सो।
पण
थांरी सौरम
सांस रै
एक सबड़कै सूं
नीं धपा सकै
आगलो सबड़को लेवण री हूंस
जगाद्यै
हर लारलो सबड़को
लगोलग सांसां रा सबड़का भी
नीं धपा सकै
किणी नै
अर धपाण सूं पैलां
थूं आपरो
रूं-रूं अरप‘र
मोळो हुज्यै
स्यात्
नीं धपाण री
पीड़ सूं।