फूटने दो
वेदना के विस्फोट से
सृजन के झरने को
औरों को सौंप दो
अपने हिस्से का अमृत
पीते हुए गरल
सृष्टि को मुक्त करो
शवता के शाप से
स्वयं बन जाओ
शिव
फूटने दो
वेदना के विस्फोट से
सृजन के झरने को
औरों को सौंप दो
अपने हिस्से का अमृत
पीते हुए गरल
सृष्टि को मुक्त करो
शवता के शाप से
स्वयं बन जाओ
शिव