Last modified on 6 अगस्त 2009, at 20:18

फूलन दै अबै टेसू कदम्बन / किशोर

फूलन दै अबै टेसू कदम्बन, अम्बन बौरन छावन दै री।
री मधुमत्त मधूकन पुंजन, कुंजन सोर मचावत दै री॥

क्यों सहिहै सुकुमारि 'किसोर' अरी कल कोकिल गावन दै री।
आवत ही बनिहै घर कंतहि, बीर बसंतहि आवन दै री॥