खिला एक फूल
नितान्त एकाकी
वन में
और बांटने लगा
एक उदास मुस्कान
अपने परिवेश में विचरती हुई
बर्फीली हवाओं के साथ...
फूल
जो अत्यंत समृद्ध था
रंग और सुरभि में
एकाकीपन के अभिशाप से
देखते ही देखते
मुरझाकर
सूख गया...!
खिला एक फूल
नितान्त एकाकी
वन में
और बांटने लगा
एक उदास मुस्कान
अपने परिवेश में विचरती हुई
बर्फीली हवाओं के साथ...
फूल
जो अत्यंत समृद्ध था
रंग और सुरभि में
एकाकीपन के अभिशाप से
देखते ही देखते
मुरझाकर
सूख गया...!