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फूल की अंतिम सुगंध / दिनेश जुगरान

संध्या की पलकों में अटका
यमन के अलाप में
छुपा
सागर की लहरों में सिमटा
शहर की सड़कों में
ठहरा हुआ
है मेरा एकाकीपन
बिखरा हुआ

शाम की धूप का
आखि़री टुकड़ा
फूल की अंतिम सुगंध
मृत्यु के अंतिम पल की
मौन स्वीकृति
पेड़ का आखिरी पत्ता
झरता हुआ
चन्द्रमा की आखि़री किरण की
उदासी
पहाड़ों की गोद में पिघलता
बर्फ़ का आखि़री टुकड़ा
विदाई के समय में झूलता
आखि़री क्षण
कुछ इसी तरह है
मेरा एकाकीपन