फूल नाम है एक
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रचनाकार | त्रिलोचन |
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प्रकाशक | राजकमल प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड, 8, नेताजी सुभाष मार्ग, नयी दिल्ली-110002 |
वर्ष | 1985 (प्रथम संस्करण) |
भाषा | हिन्दी |
विषय | |
विधा | सॉनेट |
पृष्ठ | 103 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- जीवन के जंगल में / त्रिलोचन
- निरघिन देखे मुझे / त्रिलोचन
- ठहरो अब दो चार रोज़ तो / त्रिलोचन
- कैसा युग है / त्रिलोचन
- द्वारपाल हो, जाकर कहो / त्रिलोचन
- सभी बुरे हो गए / त्रिलोचन
- हम भारत के हैं / त्रिलोचन
- ऐसा क्या देखा तू ने / त्रिलोचन
- देसी और विदेसी लादी / त्रिलोचन
- प्रतिभा नहीं चाहिए / त्रिलोचन
- कौर छीन कर औरों का / त्रिलोचन
- मैं अपनी मुट्ठियों में / त्रिलोचन
- स्वागत है, स्वागत / त्रिलोचन
- कीर्तन ने इन दिनों / त्रिलोचन
- पूरब में लाली फैली / त्रिलोचन
- मानवता की जय होगी / त्रिलोचन
- मेरे दुख की आँच/ त्रिलोचन
- हंस देखकर अपने ही पंखों की ढेरी / त्रिलोचन
- हो तुम भी घोंचू ही / त्रिलोचन
- आज मैं कहीं और तुम कहीं / त्रिलोचन
- पीड़ा के नीचे भाषा / त्रिलोचन
- मुझसे कहा चाँद ने / त्रिलोचन
- ठोक बजा कर देख लिया / त्रिलोचन
- पैया और पुरेसा / त्रिलोचन
- बिछे बाग में थे / त्रिलोचन
- वह जिसने पंचों के आगे / त्रिलोचन
- पीपल के पत्ते ने / त्रिलोचन
- अंतर की दर्दीली गाँठें / त्रिलोचन
- नहीं चाहिए, नहीं चाहिए / त्रिलोचन
- पागल है तू / त्रिलोचन
- दीयाँ बीयाँ फ़ू में/ त्रिलोचन
- आप कहाँ जायेंगे / त्रिलोचन
- दुनियादार ने कहा / त्रिलोचन
- मुझे तुम्हारी बातों का / त्रिलोचन
- शुभे तुम्हारी छबि / त्रिलोचन
- रात अँधेरे में / त्रिलोचन
- अपना? अपना? / त्रिलोचन
- ब्राह्म काल में / त्रिलोचन
- कृतघ्नते, हट जा / त्रिलोचन
- संशय कर / त्रिलोचन
- कहो ज़बान लड़ाने से / त्रिलोचन
- सुषमा कालकलावलीढ है / त्रिलोचन
- उस दिन तुम ने / त्रिलोचन
- रात जागते बीत गई / त्रिलोचन
- अनुचर है? / त्रिलोचन
- हाथ हाथ में दो / त्रिलोचन
- वर्षा का जल / त्रिलोचन
- सागर गरज रहा है / त्रिलोचन
- कल का कूणित कमल / त्रिलोचन
- कल सुरेश, कल शाम / त्रिलोचन
- अपने अपने घर से निकलो / त्रिलोचन
- कहा एक महिला ने / त्रिलोचन
- अत्याचार अनय पर / त्रिलोचन
- नागार्जुन--काया दुबली / त्रिलोचन
- नागार्जुन क्या है / त्रिलोचन
- नागार्जुन जनता का है / त्रिलोचन
- कड़वी से कड़वी भाषा में / त्रिलोचन
- मुझे यथेष्ट पछाड़ो / त्रिलोचन
- मनसाराम उठे / त्रिलोचन
- मृत्यु महासागर में / त्रिलोचन
- बढ़ो मृत्यु की ओर / त्रिलोचन
- जो पथ पर हो लिए साथ / त्रिलोचन
- अनुद्वेगकर वाक्य / त्रिलोचन
- जीवन में संगीत कहाँ है / त्रिलोचन
- निझरे झीने झीने बादल / त्रिलोचन
- खाद्य स्वल्प था / त्रिलोचन
- फूल साँझ का गिरा / त्रिलोचन
- तृषा लिए ही / त्रिलोचन
- भटक भटक कर हार गया / त्रिलोचन
- मुझको आज अधीर कर दिया / त्रिलोचन
- भिन्न भिन्न विश्वास / त्रिलोचन
- सह जाओ आघात / त्रिलोचन
- मुझको तो मुसकान तुम्हारी / त्रिलोचन
- खिल खिल कर ये फूल / त्रिलोचन
- इसी तरह क्या लोग / त्रिलोचन
- भावों का आधार / त्रिलोचन
- जितना हम आकाश में / त्रिलोचन
- इधर घनों के खेल / त्रिलोचन
- तुमको देखा / त्रिलोचन
- सूर्योदय अब दूर नहीं / त्रिलोचन
- जीवन का दुख-बंध / त्रिलोचन
- अपना ही अभिमान / त्रिलोचन
- अगर चार आँसू / त्रिलोचन
- राह बहुत लम्बी / त्रिलोचन
- देखे हैं साहित्य-विधाताओं ने/ त्रिलोचन
- हाथों के दिन आएँगे / त्रिलोचन
- तुम से क्या बतलाऊँ / त्रिलोचन
- केवल ममता? / त्रिलोचन
- अपराधी पाकर अपने को/ त्रिलोचन
- अणु से अणु है यह पृथिवी / त्रिलोचन
- इस रास्ते से नहीं / त्रिलोचन