मेरे दुश्मनों की फेहरिस्त
बहुत लम्बी हैं
लम्बी इतनी कि
उड़ जाये नींद रातों की
जबकि चाहता हूँ मैं सोना
लम्बी तान कर
कबीर की तरह
जिसके दुश्मनों की फेहरिस्त
और भी लम्बी हैं
मेरे दुश्मनों की फेहरिस्त
बहुत लम्बी हैं
लम्बी इतनी कि
उड़ जाये नींद रातों की
जबकि चाहता हूँ मैं सोना
लम्बी तान कर
कबीर की तरह
जिसके दुश्मनों की फेहरिस्त
और भी लम्बी हैं