{{KKCatK avita}}
मनुष्य जीवन के लिए तूने निछावर की अपनी जड़ें हम सड़ रहे पड़े-पड़े जीवन के लिए यह कैसा रोग ओ मेरे फोग! अनुवाद : सवाईसिंह शेखावत फोग - एक पौधा