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बंदर-मामा का ड्रामा! / कन्हैयालाल मत्त

बंदर मामा,
पहन पजामा,
कहाँ चले इस काल?
सुन रे लड़के,
तू इस तड़के,
पूछ न गलत सवाल!
बंदर मामा,
बौने गामा,
चलो न हमसे चाल!
सुन रे बच्चे,
सीधे-सच्चे,
है यह एक कमाल!
बंदर मामा,
करो न ड्रामा,
सही बताओ हाल!
सुन रे नटखट,
खूब गटागट,
आज उड़ेंगे माल!
बंदर मामा,
ढोल-दमामा,
यों न बजाओ गाल!
सुन रे बगड़म,
अगड़म-सड़गम,
मिली मुझे ससुराल!