मेरे पांवों
ने निगली है
कोटि - कोटि
सडकों की
लंबाई....
उन लम्बाईयों
पर स्थित
खुले रहते थे
काशी - काबा
के -मन्दिर
मस्जिद -गुरूद्वारे
एक साथ ...
आज वे
बंद क्यों हैं ?
हम ने
नियंता को
कैद
क्यों दे दी...
मेरे पांवों
ने निगली है
कोटि - कोटि
सडकों की
लंबाई....
उन लम्बाईयों
पर स्थित
खुले रहते थे
काशी - काबा
के -मन्दिर
मस्जिद -गुरूद्वारे
एक साथ ...
आज वे
बंद क्यों हैं ?
हम ने
नियंता को
कैद
क्यों दे दी...