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बंसी रचे कहानी / प्रेमलता त्रिपाठी

श्याम-बंसी रचे कहानी है ।
संग सोहे चतुर सयानी है ।

मोहिनी मान स्नेह जो पावे,
दुक्ख मन के हरे सुहानी है ।

सप्त सरगम सुधा लुटाये जो,
सत्य-सुंदर-शिवम् - रवानी है ।
 
तीर अँखियन चला रहे केशव,
नैन मोहन बसी लुभानी है ।

मोह माया भरम मिटाकर अब,
प्रेम मधुरस तृषा जगानी है ।