बचऊ मोरे कालिज माँ पहुँचे सुख का बरनौ मतवारे रहैं।
कपड़ा अस जैस तिलंगन के अपने तन पै नित धारे रहैं॥
सिखिगे उन नीकी विटेवन ते अस सूघर पाटी संवारे रहैं।
बनि ह्वै हैं 'रमा' पटवारी चहे गुरु खातहिं साम सकारे रहैं॥
बचऊ मोरे कालिज माँ पहुँचे सुख का बरनौ मतवारे रहैं।
कपड़ा अस जैस तिलंगन के अपने तन पै नित धारे रहैं॥
सिखिगे उन नीकी विटेवन ते अस सूघर पाटी संवारे रहैं।
बनि ह्वै हैं 'रमा' पटवारी चहे गुरु खातहिं साम सकारे रहैं॥