मैं अपने सब्र की शरारत से हैरां हूँ
इतना बड़ा पत्थर कलेजे पर ढो लाया
और अब टूटे हुए कलेजे पर
टूटे हुए खिलौने सा रूठता है..
बच्चों-सा
७.१२.१९९५
मैं अपने सब्र की शरारत से हैरां हूँ
इतना बड़ा पत्थर कलेजे पर ढो लाया
और अब टूटे हुए कलेजे पर
टूटे हुए खिलौने सा रूठता है..
बच्चों-सा
७.१२.१९९५