Last modified on 28 अप्रैल 2017, at 17:42

बटवारा / लोकगीता / लक्ष्मण सिंह चौहान

पंच केर मुखिया विदुर के बनाबैय रामा।
राज पाट बांटी चुटी डारै हो सांवलिया॥
परम पवित्र भूमि खाण्डव परस्थ रामा।
युधिष्ठिर राज पाट पावैय हो सांवलिया॥37॥
लोकप्रिय युधिष्ठिर धरमराज करैय रामा।
धन-पूत-बल घर भरैय हो सांवलिया॥
तहां भी कृष्ण भगवान एक वार रामा।
माया सुर के तहवां बुलावैय हो सांवलिया॥38॥