बटूजी! बटूजी!
बटूजी! बटूजी!
कहाँ से हो लाए ये सुंदर बहू जी।
कहाँ पर रचाई है चुपके से शादी?
न बाँटी मिठाई, न पीटी मुनादी।
बटूजी! बटूजी!
बटूजी! बटूजी!
गजब का है बाँधा ये माथे पर सेहरा।
दिखाओ हमें भी तो भाभी का चेहरा।
बटूजी! बटूजी!
बटूजी! बटूजी!
न हम आपको आज यूँ जाने देंगे।
मिठाई मिली न तो सब ताने देंगे।
बटूजी! बटूजी!
बटूजी! बटूजी!