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बड़ा कवि भारत का / सुनीता जैन

न तो नेता वह,
न अभिनेता,
न बल्ले से
गेंद मारता,
न हास्य व्यंग्य
ही करता

उसको सुनने
जाए कोई
इतना समय
कहाँ था

तेरह जन में
घिरा खड़ा था
बड़ा कवि
भारत का