जयतु-जयतु बद्री विशाल -लघु स्वरुप अद्रि भुआल
सीस स्वर्णिम मुकुट सोहत, गंध अंकित तिलक भाल
कर्ण कुंडल पुहुप गुम्फित - कंठ तुलसी लसत माल
पीट अम्बर कटि विराजत - करत विद्युत् केलि वाल
पद्म आसन तपसि मुद्रा - स्याम तन लखि कटत जाल
परम पूजित नर नारायण - दिव्य दरसन दृग दयाल
निगम नारद गात उद्धव - गरुण काटत कोटि काल
अलक नंदा करत आनँद - सलिल शीतल मनु हिमाल
तप्त तीरथ हरत पापन - पितृ तारत विधि कपाल
'प्रीतम' सु कवि बद्रीश अघ हर - परम प्रिय प्रभु प्रणतिपाल