राजस्थानी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
चिडियां चकाचक बोले बधावो मारा आंगरिणयां में डोले।
सुसराजी भी डोले मारा सासूजी भी डोले, तो राजन मारा हरक्या-हरक्या डोले।
बधावो मारा आंगणियां में डोले।
बहू तो कुमकुम का पगल्या लाई, केसर का पगल्या लाई, बधावो...
बहू तो लक्ष्मी बण कर आई। बधावो मार...